देखो न! यह मेरी कैसी तक़दीर है, न तुम हो न तुम्हारी कोई तस्वीर है, दिन-रात तेरा ग़म ही ग़म है मुझे, सीने में साँसों की टूटी हुई ज़ंजीर है...!
" han tino mey koi taluk nahi pr ankhiyan nm ho gyi na jane kyun??"Regards
esa kyo ke photoshame sochne par majboor karte hai
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2 टिप्पणियां:
" han tino mey koi taluk nahi pr ankhiyan nm ho gyi na jane kyun??"
Regards
esa kyo ke photos
hame sochne par majboor karte hai
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